Bhopal News भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) के डॉक्टरों ने दो दुर्लभ मामलों में सर्जरी कर मरीजों की जिंदगी बचा ली। एक केस में 12 साल की लड़की को दुलर्भ बीमारी के चलते दिल में अवरोध हो गया था। इसे बिना एंजियोप्लास्टी के ठीक किया गया। दूसरे ममाले में एक महिला का लिवर व गाल ब्लाडर दाहिनी ओर की जगह बायीं ओर था।
ब्लाडर में तीन पथरी थीं, जिसका डॉक्टरों ने लेप्रोस्कोप से इलाज किया। बीएमएचआरसी के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास चतुर्वेदी व डॉ. हिमांशु गुप्ता ने बताया कि खून में प्रोटीन-एस नामक तत्व खून का थक्का बनने से रोकता है। इस किशोरी में इसकी कमी थी। इस कारण खून का थक्का जमने से उसके दिल मुख्य आर्टरी पूरी तरह से बंद हो गई थी। सीने में दर्द व उल्टी की शिकायत लेकर वह महीने भर पहले बीएमएचआरसी पहुंची थी।
यहां डॉक्टरों ने एंजियोग्राफी की तो आर्टरी (धमनी) बंद मिली। डॉक्टरों को शंका हुई कि इतनी कम उम्र में धमनी बंद होने की वजह कुछ खास होगी। खून की जांच कराई तो प्रोटीन-एस की कमी मिली। सक्शन कैथेटर के जरिए डॉक्टरों ने खून का थक्का खींच लिया, जिससे आर्टरी पूरी तरह से खुल गई।